Tutankhamun biography in hindi

राजा का भूतहा खजाना लगा जिसके हाथ उसकी हुई मौत, कब्र से निकला; कहते हैं शापित

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तूतनखामेन की कब्र की खोज के साथ मौत का सिलसिला शुरू हो गया. कम से कम दो दर्जन लोग मौत के मुंह में समा गए, जो किसी न किसी तरीके से तूतन की कब्र से जुड़े थे.

प्राचीन मिस्र में फिरौन या फैरो (Pharaoh) का शासन था. साल 1332 बी.सी.

में तूतनखामेन (Tutankhamun) फिरौन बने. वह प्राचीन मिस्र के अठारहवें राजवंश का अंतिम फिरौन थे. तूतनखामेन ने जब गद्दी संभाली तो उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 9 साल थी. मिस्र युद्ध के मुहाने पर खड़ा था और पड़ोसी नोबिया से लड़ाई चल रही थी. तूतनखामेन जब तक होश संभालते, कुछ समझने लायक होते तब तक उनका निधन हो गया. सिर्फ 10 साल फिरौन की गद्दी संभालने के बाद 19 साल की उम्र में तूतनखामेन की मौत हो गई.

क्यों ढूंढनी पड़ी कब्र?
तूतनखामेन की मौत क्यों और कैसे हुई, यह आज भी बड़ा रहस्य है.

इस रहस्य का पता लगाने के लिए दुनिया भर के पुरातत्वविद और वैज्ञानिक सैकड़ों साल से उनकी ममी की तलाश कर रहे थे. यह तलाश साल 1922 में पूरी हुई. ब्रिटेन के आर्कियोलॉजिस्ट हॉवर्ड कार्टर ने साल 1922 में मिश्र के ‘वैली ऑफ किंग्स’ (Valley of Kings) में किंग तूतनखामेन की कब्र ढूंढ निकाली.

किसने दिया कब्र ढूंढने का पैसा?
हॉवर्ड कार्टर (Harvard Carter) ने अपनी तलाश साल 1917 में शुरू की.

उनसे पहले तमाम आर्कियोलॉजिस्ट सालों मेहनत के बाद हार मान चुके थे. किसी के हाथ कपड़े का टुकड़ा लगा तो किसी के हाथ जार जैसी चीज, लेकिन तूतन की ममी नहीं मिली. कार्टर को भी लगता था कि तलाश बेकार है, लेकिन ब्रिटेन के एक रईस लॉर्ड कार्नारवॉन जिद पर अड़ गए. उन्होंने कार्टर से कहा कि तूतन की कब्र ढूंढने में जितना पैसा खर्च होगा, सब वो देंगे.

कार्टर जब तूतनखामेन (Tutankhamun) को टॉम्ब के अंदर गए तो उनकी आंखें फटी रह गईं.

इस टॉम्ब के अंदर कुल 4 मुख्य कमरे, एक एंटीचैंबर, एक एनेक्सी, एक बरियल चेंबर और एक ट्रेजरी रूम था. बरियल चेंबर के अंदर जो ताबूत था, जब उसको खोला गया तो अंदर दो और ताबूत थे. सबसे आखिरी यानी तीसरा ताबूत जो पूरा सोने का बना था. इसी में तूतनखामेन की ममीफाईड बॉडी रखी थी.

कब्र के अंदर क्या-क्या खजाना मिला?
तूतनखामेन (Tutankhamun Tomb) की कब्र के अंदर से बेशुमार खजाना मिला.

कुल 5000 से ज्यादा सोने और हीरे-जवाहरात के आर्टिफैक्ट्स मिले. जैसे कपड़े, बेशकीमती गहने, बिस्तर, रथ, तकिया, मनोरंजन की चीजें, सिंहासन आदि. ठोस सोने की बनी कई छोटी-छोटी मूर्तियां भी मिलीं. nationalgeographic के मुताबिक तूतनखामेन की कब्र में इतनी चीजें मिली कि उसे गिनने और एक-एक चीज अलग करने में दस साल का वक्त लग गया.

कब्र मिली तो शुरू हुआ मौत का सिलसिला
तूतनखामेन की कब्र की खोज के साथ मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया.

शुरू में कुछ ऐसे लोगों की मौत हुई, जिनपर किसी का खास ध्यान नहीं गया. ये सामान्य मजदूर अथवा कर्मचारी थे, जो किंग तूतन की कब्र ढूंढने में लगे थे, लेकिन साल 1923 में जब लॉर्ड कार्नारवॉन (जिन्होंने तूतन की कब्र ढूंढने के लिए कार्टर को पैसे दिये थे) रहस्यमय तरीके से मौत हुई तो हड़कंप मच गया.

लॉर्ड कार्नारवॉन (बाएं)

पहले लॉर्ड कार्नारवॉन को बुखार आया, फिर निमोनिया हो गया.

इसके बाद वह बेहोशी की हालत में अनाप-शनाप बड़बड़ाने लगे और कुछ दिन बाद मर गए. कहा गया कि लॉर्ड कार्नारवॉन ने जैसे ही तूतन की कब्र से निकली कुछ चीजें अपने पास रखी, उसके बाद से ही उनकी हालत बिगड़नी शुरू हो गई. इसके बाद तो हाई प्रोफाइल मौतों का सिलसिला शुरू हो गया.

तूतन (Tutankhamun) की ममी का एक्सरे करने वाले रेडियोलॉजिस्ट आर्किबेल्ड डगलस एक्सरे के तुरंत बाद बीमार पड़े और 3 दिन के अंदर उनकी मौत हो गई.

फिर लॉर्ड कार्नारवॉन के सेक्रेटरी रिचर्ड बेडेल की मौत हुई. रिचर्ड मकबरे के अंदर घुसने वाले दूसरे व्यक्ति थे. इसके बाद अमेरिका की इजिप्टोलॉजिस्ट आयरन एंबर की मौत हुई.

शापित कही जाने लगी कब्र
धीरे-धीरे कम से कम दो दर्जन लोग मौत के मुंह में समा गए, जो किसी न किसी तरीके से तूतन की कब्र से जुड़े थे. कईयों ने खुद सुसाइड कर लिया.

इन रहस्यमय मौतों के बाद तूतन की कब्र को ‘कर्स ऑफ द ममी’ या ‘कर्स ऑफ किंग टूट’ यानी किंग तूतन का श्राप कहा जाने लगा. और ममी तो दूर उनकी कब्र के आसपास भी जाने से हर कोई कतराने लगा.

सच्चाई पर सवाल भी
हालांकि रिसर्चर जेम्स रांडी (James Randi) अपनी किताब ‘An Encyclopedia depict Claims, Frauds, and Hoaxes penalty the Occult and Supernatural’ में लिखते हैं कि श्राप वाली बात खुद हॉवर्ड कार्टर द्वारा गढ़ी गई थी, क्योंकि वो नहीं चाहते थे प्रेस अथवा दूसरे आर्कियोलॉजिस्ट तूतन की ममी अथवा कब्र के करीब आएं.

First Published :

April 03, 2024, 12:27 IST

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